क्या आपने कभी सोचा है कि ग्राम प्रधान को भी पेंशन मिलती है या नहीं? आइए जानते हैं सच्चाई।

ग्राम प्रधान भारत की पंचायत व्यवस्था का मुखिया होता है। इसे चुनाव द्वारा चुना जाता है, नौकरी की तरह नियुक्त नहीं किया जाता

सरकारी नौकरी करने वालों को पेंशन मिलती है। लेकिन ग्राम प्रधान एक निर्वाचित पद है, इसलिए उसे सामान्य पेंशन नहीं मिलती।

ग्राम प्रधान को वेतन नहीं, बल्कि मानदेय यानी भत्ता दिया जाता है। यह राज्य सरकारें अलग-अलग तय करती हैं।

ज्यादातर राज्यों में ग्राम प्रधान को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा नहीं दी जाती।

कुछ राज्यों ने ग्राम प्रधानों के लिए बीमा और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ जरूर शुरू की हैं, लेकिन पेंशन बहुत कम जगह मिलती है।

मतलब साफ है की ग्राम प्रधान को पेंशन नहीं मिलती। उन्हें सिर्फ मानदेय और कार्यकाल में भत्ते दिए जाते हैं।

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